मुंबई – राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने सांसद प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे को पार्टी से निकाल दिया है। उनके खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए कार्रवाई की गई है। एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष और सांसद सुप्रिया सुले ने पार्टी प्रमुख शरद पवार को लिखे पत्र में इसकी सिफारिश की थी।
इससे पहले एनसीपी अनुशासन समिति ने पार्टी नौ विधायकों को अयोग्य घोषित करने का प्रस्ताव पास कर दिया था। ये वही विधायक हैं, जिन्होंने अजित पवार के साथ बीते दिन शपथ ग्रहण की थी। वहीं, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के रूप में अपने भतीजे अजीत पवार के शपथ समारोह में शामिल होने के लिए पार्टी के तीन नेताओं को हटा दिया गया है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की कार्रवाई को उन लोगों के लिए एक उदाहरण के रूप में देखा जा रहा है, जिन्होंने बागी अजित पवार का समर्थन किया था। निष्कासित नेताओं में मुंबई मंडल राकांपा प्रमुख नरेंद्र राठौड़, अकोला शहर जिला प्रमुख विजय देशमुख और राज्य मंत्री शिवाजीराव गर्जे शामिल हैं। ये तीनों अजित पवार के शपथ समारोह में शामिल हुए थे।
इस बीच शरद पवार ने कहा कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल को उन विधायकों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने का अधिकार है, जिन्होंने कल महाराष्ट्र कैबिनेट में शपथ ली थी। उन्होंने कहा, ‘वहां (अजित पवार खेमा) के कई लोगों ने मुझे फोन किया और कहा कि उनकी विचारधारा राकांपा से अलग नहीं है और वे अगले कुछ दिनों में अंतिम निर्णय लेंगे।’ पवार ने यह भी कहा, मेरे पास विधायकों के पार्टी छोड़ने के पुराने अनुभव हैं… भविष्य में अच्छे परिणाम आएंगे।
पार्टी की अनुशासन समिति ने उन नौ विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की है, जिन्होंने सत्तारूढ़ शिवसेना-भाजपा के साथ गठबंधन करने के लिए अजित पवार की बगावत में उनका समर्थन किया था। इसने अपने एक बयान में कहा कि नौ विधायकों की ये गतिविधियां उन्हें तत्काल अयोग्य घोषित करने की मांग करती हैं… यदि उन्हें सदस्य के रूप में बने रहने की अनुमति दी जाती है, तो इस बात की बहुत वास्तविक संभावना है कि वे पार्टी के हितों को कमजोर करने की कोशिश जारी रखेंगे।
इससे पहले अजित पवार के अगले राजनीतिक कदम को लेकर हफ्तों से चल रही अटकलों पर विराम लगाते हुए अचानक हुए घटनाक्रम से उनके चाचा शरद पवार को झटका लगा। अजित पवार को राज्यपाल रमेश बैस ने रविवार को राजभवन में उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई, जहां नौ अन्य राकांपा नेताओं ने भी भाग लिया, जिनमें से कुछ शरद पवार के करीबी सहयोगी रहे हैं।