हेलीकॉप्टर-प्राइवेट जेट की सवारी, अस्तबल में काबुली घोड़े; गाय के नाम पर खड़ा किया नंदिनी ग्रुप
नई दिल्ली – किसी फिल्मी सीन की तरह अस्तबल में बेधड़क काबुली नस्ल के घोड़े की सवारी…दिल्ली, मुंबई जैसे किसी भी बड़े शहर में जाना हो तो खुद के हेलीकॉप्टर या प्राइवेट जेट से यात्रा। 15 एकड़ में बनी शानदार सफेद रंग की कोठी, 1000 से ज्यादा लोगों के लिए एक साथ जनता दरबार की व्यवस्था, एंडिवर, फॉर्च्यूनर और महिंद्र स्कॉर्पियो गाड़ियों का काफिला…।
जी हां! यह लग्जरी लाइफ है बाहुबली सांसद बृजभूषण शरण सिंह की। जो इन दिनों महिला पहलवानों से सेक्सुअल हैरेसमेंट और धमकाने के आरोपों के चलते विवादों में हैं। ये आरोप ओलंपियन वीनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया जैसे पहलवानों ने लगाए हैं। आइए अब आपको बताते हैं कैसी है बृजभूषण की लाइफ स्टाइल।
15 एकड़ में बना सफेद बंगला, जिसमें हेलीपैड भी है
गोंडा जिला मुख्यालय से 32 किमी और अयोध्या बॉर्डर से 10 किमी दूर बसा बिसनोहरपुर गांव। ये गांव है भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह का। गांव जाने के लिए तीस फीट चौड़ी शानदार रोड है। यहीं पर करीब 15 एकड़ में बनी है सफेद रंग की बृजभूषण शरण सिंह की कोठी। कोठी में जनता दरबार, गेस्ट हाउस और फैमिली कॉटेज जैसी व्यवस्थाएं हैं। तीन हिस्सों से यह कोठी बहुत ही लग्जरी फील कराती है।
ये बृजभूषण सिंह की हवेली का जनता दरबार है।
कोठी के अंदर बना है बड़ा सा जिम, यहीं करते हैं कसरत
कोठी में एंट्री के लिए दो बड़े गेट हैं। सबसे पहले चैनल गेट जो जनता दरबार तक पहुंचाता है। इसके बाद एक और ब्लैक कलर का बड़ा सा गेट जो कोठी में एंट्री कराता है। कोठी के अंदर जाने वाले गेट पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रहती है।
कोठी के अंदर ही बड़ा सा जिम है। जिसमें बृजभूषण डेली कसरत करते हैं। फेमिली कॉटेज में पहुंचने से पहले एक बड़ा सा गार्डेन है। इसी के अंदर हेलीपैड भी बना हुआ है। पूरी बिल्डिंग में वेंटिलेशन का पूरा ध्यान रखा गया है।
सांसद बृजभूषण शरण सिंह का अपने घोड़े से खास लगाव है।
जिम के बाद अकसर घुड़सवारी करने चले जाते हैं
बृजभूषण के बंगले के ठीक सामने करीब 5 बीघे में सफेद बाउंड्री के साथ एक शानदार अस्तबल बना हुआ है। जिसमें अभी 4 घोड़े हैं। बृजभूषण जब गोंडा में होते हैं तो जिम करने के बाद सीधे अस्तबल पहुंचते हैं। यहां सभी घोड़ों को चना आदि खिलाते हैं। इस दौरान अक्सर वो 2-4 राउंड की सवारी भी करते हैं। उनके घोड़े उनसे काफी मिले हैं। वह उन्हें देखते ही पहचान जाते हैं।
हवाई यात्रा के लिए दो हेलीकॉप्टर और प्राइवेट जेट का करते हैं यूज
बृजभूषण शरण सिंह का नाम अवध क्षेत्र के बड़े बाहुबलियों में गिना जाता है। उनके शौक भी क्षेत्र में चर्चा का विषय बने रहते हैं। हवाई यात्रा के लिए उनके पास 2 हेलीकॉप्टर और प्राइवेट जेट हैं। एक ब्लैक कलर और दूसरा ब्लू कलर का। इसके लिए उन्होंने 2 हेलीपैड बनवा रखे हैं।
अपने निजी हेलीकॉप्टर से अपने एरिया का दौरा करते सांसद बृजभूषण शरण सिंह।
1 हेलीपैड कोठी के अंदर बना है और दूसरा हेलीपैड अस्तबल के पास बनाया गया है। इसके साथ ही अपने संसदीय क्षेत्र में भ्रमण के लिए इन दिनों उनके पास फॉर्च्यूनर गाड़ियों का काफिला भी है। कार्यकर्ताओं और सुरक्षा गार्ड के साथ पांच फॉर्च्यूनर गाड़ियों का काफिला उनके साथ चलता है। उनके पास एंडिवर, महिंद्रा स्कॉर्पियो और ट्योटा की गाड़ियां भी हैं।
मुंबई से लौटने पर प्राइवेट जेट से उतरते सांसद बृजभूषण।
गाय के नाम पर बनाया नंदिनी ग्रुप, स्कूल-कॉलेज की चेन बनाई
सांसद बृजभूषण खुद को माटी से जुड़ा हुआ बताते हैं। उन्होंने अपने स्कूल-कॉलेज की चेन का नाम नंदिनी के नाम से रखा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान राम की नगरी अयोध्या से गोंडा जिला लगा हुआ है। जिसका प्राचीन नाम गोनर्द हुआ करता था। यहां ऋषि मुनि तपस्या किया करते थे। मान्यता है कि इसी भूमि पर रघुकुल के गुरु वशिष्ठ का आश्रम था।
सांसद बृजभूषण शरण सिंह की हवेली के पास में ही गौशाला भी बना हुआ है। वह हर रोज यहां आते हैं।
यहीं राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न ने शिक्षा ग्रहण की थी। ऋषि वशिष्ठ के पास एक नंदिनी नाम की गाय थी। ऋषि वशिष्ठ उस गाय की पूजा करते थे। इसी मान्यता के चलते बृजभूषण शरण सिंह ने 11 नवंबर 1994 को नंदिनी नगर महाविद्यालय की नींव रखी थी। इसके बाद उन्होंने कई स्कूल कॉलेज का नाम नंदिनी ग्रुप के नाम से रखा। इसमें इंटर कॉलेज, डिग्री कॉलेज, इंजीनियरिंग, नर्सिंग और मैनेजमेंट के कॉलेज शामिल हैं।
खुद के कॉलेज में बनवाया इंटरनेशनल रेसलिंग स्टेडियम
बृजभूषण शरण सिंह 16 साल की उम्र में ही कुश्ती में भाग लेने लगे थे। जब वह सियासत में आए और सांसद बने तभी से कुश्ती के इवेंट करवाने लगे थे। गोंडा में अक्सर राज्य स्तरीय कुश्ती प्रतियोगिता करवाते थे। यह प्रतियोगिता मिट्टी पर आयोजित की जाती थी। जब वे WFI के अध्यक्ष बने तो धीरे-धीरे अपने ही कॉलेज में एक इंटरनेशनल रेसलिंग स्टेडियम तैयार करवाया। यहां 500 से ज्यादा महिला पुरुष पहलवान रह सकते हैं। प्रैक्टिस के लिए मैट के चार बड़े हॉल बनवाए गए हैं। यहां नेशनल, इंटरनेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप का आयोजन किया जाता है।
नंदिनी कॉलेज में बने रेसलिंग स्टेडियम का सबसे बड़ा हॉल। ज्यादातर मैच इसी मैट पर होते हैं।
छोटी उम्र में पांच भाइयों को खोया, छात्र संघ से सियासत में की एंट्री
बृजभूषण शरण सिंह का जन्म 8 जनवरी 1957 को गोंडा जिले के बिसनोहरपुर गांव में हुआ था। वो जब 12 साल के थे तो 2-3 साल के अंदर उनके 5 भाइयों की मौत हो गई। घर की सारी जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई। उनके चचेरे बाबा विधायक थे इसलिए परिवार का राजनीतिक रसूख था। साथ ही रंजिश भी काफी थी। 16 साल की उम्र में ही बृजभूषण राजनीतिक रूप से सक्रिय होने लगे थे। इसके बाद जब उन्होंने साकेत कॉलेज में दाखिला लिया तो 1979 में छात्रसंघ का चुनाव जीता।
बृजभूषण के हैं 48 डिग्री कॉलेज, कई इंटर कॉलेज भी हैं
पोस्ट ग्रेजुएट बृजभूषण राजनीति में लगातार हाथ आजमाते रहे। साल 1991 में पहली बार आनंद सिंह के खिलाफ बृजभूषण शरण सिंह लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे। इसके बाद वो 1991, 1999, 2004, 2009, 2014 और 2019 लोकसभा के निर्वाचित सदस्य बने।
उनके करीबी बताते हैं कि 80 के दशक में बृजभूषण अपने तीन दोस्तों के साथ बालू खनन की ठेकेदारी करते थे। राजनीति के साथ-साथ वो धीरे-धीरे शिक्षा के क्षेत्र में उतरे। आज गोंडा, बहराइच, श्रावस्ती समेत पूरे देवीपाटन मंडल में उनके 48 डिग्री कॉलेज हैं और कई इंटर कॉलेज भी हैं।DB