अमेजन के जंगलों में 40 दिन गुम रहने वाले 4 बच्चे बीजों, जड़ों और पौधों को खाकर जिंदा रहे. वे बचपन से जानते थे कि इनको खाया जा सकता है. ये चार भाई-बहन 1 मई को एक छोटे विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद बाल-बाल बच गए थे. बच्चों के बचाव के लिए चलाए गए ‘ऑपरेशन होप’ में 100 सैनिकों के साथ 80 से अधिक स्थानीय स्वयंसेवक शामिल हुए.
बोगोटा. कोलम्बिया के अमेजन जंगलों में 40 दिनों तक गुम रहे चार बच्चे उन बीजों, जड़ों और पौधों को खाने से जिंदा रहे, जिन्हें वे अपने बचपन से जानते थे कि इनको खाया जा सकता है. इसके साथ ही कोलंबियाई सैनिकों के साथ खोज में शामिल स्थानीय लोगों की इलाके के बारे में जानकारी ने भी इन चारों बच्चों के खोजने में एक बड़ी भूमिका निभाई. न्यूज एजेंसी ‘एएफपी’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोलम्बिया के देशज लोगों के राष्ट्रीय संगठन (OPIAC) ने कहा कि ‘बच्चों का जिंदा बचा रहना प्राकृतिक पर्यावरण के ज्ञान और उसके साथ संबंध के महत्व का संकेत है, जिसे मां के गर्भ में शुरू करना सिखाया जाता है.’
गौरतलब है कि चार भाई-बहन 1 मई को एक छोटे विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद बाल-बाल बच गए थे. जिसमें पायलट, उनकी मां और एक तीसरे शख्स की जान चली गई थी. बच्चों के परिवार को उम्मीद थी कि जंगलों से परिचित ये चारों भाई-बहन किसी तरह से जिंदा रहेंगे और फिर से घर लौटेंगे. ये बच्चे युक्का आटा खाने से जिंदा बचे रहे, जो कि क्रैश हुए प्लेन पर था. खोज में निकले हेलिकॉप्टरों से गिराए गए पार्सलों से भी उनको खाने का सामान हासिल हुआ. ये भी बताया गया कि उन्होंने अमेजन इलाके में अपने जिंदा रहने के लिए बीज, फलों, जड़ों और पौधों को भी खाया.
खोज के दौरान सैनिकों ने 20 दिनों तक स्थानी ट्रैकर्स के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया. सेना के हेलिकॉप्टरों ने बच्चों की दादी की रिकॉर्डिंग प्रसारित की. जिसमें उन्हें स्वदेशी हुइतोटो भाषा में बचाव दल के पहुंचने तक बच्चों को एक जगह पर रहने के लिए कहा. बच्चों के बचाव के लिए चलाए गए ‘ऑपरेशन होप’ में 100 सैनिकों के साथ 80 से अधिक स्थानीय स्वयंसेवक शामिल हुए. बच्चों का मार्गदर्शन करने के लिए बचाव दल ने चाकू से पेड़ों को काटा और उन पर स्प्रे पेंट से निशान लगा दिए.
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