केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ एकजुटता दिखाने का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का प्रयास अब रंग लाने वाला है। राहुल गांधी, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल समेत तमाम नेता 23 जून को पटना में जुटेंगे।
पटना – केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष की एकजुटता दिखाने का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का प्रयास अब रंग लाने वाला है। 12 जून को प्रस्तावित बैठक कांग्रेस के प्रमुख नेता राहुल गांधी की दूरी के कारण टालनी पड़ी थी, लेकिन अब जनता दल यूनाईटेड और राष्ट्रीय जनता दल ने घोषणा की है कि विपक्षी दलों के तमाम प्रमुख नेता 23 जून को पटना में जुटेंगे।
इन नेताओं की उपस्थिति के बारे में बताया
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ बुधवार शाम प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी दी कि कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी नेता राहुल गांधी के साथ ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व सपा प्रमुख अखिलेश यादव, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, राकांपा प्रमुख व पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, भाकपा महासचिव डी राजा, वरिष्ठ वामपंथी नेता सीताराम येचुरी और दीपांकर भट्टाचार्य ने भी 23 जून को पटना में विपक्षी एकता के लिए होने वाली बैठक में आने की स्वीकृति दी है।
12 जून की बैठक टलने पर नीतीश थे नाराज
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों के कई नेताओं से मुलाकातों के बाद 12 जून को पटना में बैठक रखी थी। लेकिन, जब उन्हें यह पक्का हुआ कि राहुल गांधी समेत कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी इस बैठक में नहीं आ रहे हैं तो आननफानन में इस बैठक को रद्द कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि विपक्षी दलों की बैठक में पार्टी अध्यक्षों को आना है और अगर कांग्रेस की ओर से ही इसकी अस्पष्टता रहेगी तो गलत संदेश जाएगा। उन्होंने कहा था कि जल्द ही कांग्रेस के साथ बात कर अगली तारीख बताई जाएगी। बुधवार को जदयू के अध्यक्ष ललन सिंह ने कांग्रेस समेत तमाम प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं का नाम गिनाते हुए जानकारी दी कि 23 जून को पटना में ही बैठक होगी।