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पहलवानों के साथ अनुराग ठाकुर की बैठक खत्म, 15 जून तक चार्जशीट और केस वापसी पर हुई चर्चा

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देश के शीर्ष पहलवान 138 दिन से बृजभूषण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे। 18 जनवरी को पहली बार पहवान धरने पर बैठे थे और 23 अप्रैल को दूसरी बार धरना शुरू किया। इसके बाद पहलवानों ने मौसम की मार झेली, पुलिस के साथ झड़प हुई।

नई दिल्ली – भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने बुधवार (सात जून) को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात की। करीब छह घंटे तक चली इस बैठक में दोनों पक्षों के बीच कई मामलों पर सहमति बनी है। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बैठक के बाद इस बात की जानकारी दी कि खिलाड़ियों के साथ बातचीत में 15 जून तक यौन शोषण के मामले में चार्जशीट दाखिल करने पर चर्चा हुई।

अनुराग ठाकुर ने कहा, ”पहलवानों के साथ सकरात्मक बातचीत बहुत संवेदनशील मु्द्दे पर हुई है। लगभग छह घंटे चली इस बैठक में जिन मुद्दे पर चर्चा हुई है उसमें जो आरोप लगाए गए हैं उन आरोपों की जांच पूरी करके 15 जून तक चार्जशीट दायर की जाए और रेसलिंग फेडरेशन का चुनाव 30 जून तक किया जाए। रेसलिंग फेडरेशन की आंतरिक शिकायत समिति बनाई जाए और उसकी अध्यक्षता कोई महिला करे।”

खिलाड़ियों की इन मांगों पर भी हुई चर्चा
खेल मंत्री ने आगे कहा, ”पहलवानों ने मांग की है कि उनके खिलाफ सभी एफआईआर वापस ली जानी चाहिए। पहलवानों ने यह भी अनुरोध किया कि तीन कार्यकाल पूरा कर चुके बृजभूषण सिंह और उनके सहयोगियों को दोबारा नहीं चुना जाना चाहिए। 15 जून से पहले पहलवान कोई धरना प्रदर्शन नहीं करेंगे।”

पहलवानों ने जनवरी में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ खोला था मोर्चा
देश के शीर्ष पहलवान 138 दिन से बृजभूषण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे। 18 जनवरी को पहली बार पहवान धरने पर बैठे थे और 23 अप्रैल को दूसरी बार धरना शुरू किया। इसके बाद पहलवानों ने मौसम की मार झेली, पुलिस के साथ झड़प हुई। पहलवानों के खिलाफ एफआईआर भी हुई, लेकिन विरोध प्रदर्शन जारी रहा। हालांकि, पहलवानों और गृहमंत्री अमित शाह के बीच मुलाकात के बाद कहानी बदल गई और पहलवान काम पर लौट गए।

28 मई के बाद बदली कहानी
दरअसल, 28 मई के दिन पहलवान विरोध प्रदर्शन करने के लिए नए संसद भवन की तरफ जा रहे थे। इसी दिन नए संसद भवन का उद्घाटन हो रहा था। पुलिस ने उन्हें रोका तो पहलवानों के साथ उनकी हाथापाई हो गई। दिल्ली पुलिस ने सभी पहलवानों और उनके समर्थकों को हिरासत में ले लिया। इसके बाद जंतर-मंतर से पहलवानों का सामान हटा दिया गया। शाम तक सभी महिला पहलवान और रात तक पुरुष पहलवानों को छोड़ दिया गया। पहलवानों को फिर से जंतर-मंतर में बैठने की अनुमति नहीं मिली, लेकिन उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहा। इस बीच सामने आया कि बृजभूषण पर महिला पहलवानों को गलत तरीके से छूने और यौन शोषण के कई आरोप लगे हैं। इस बीच गृहमंत्री अमित शाह ने चार जून को पहलवानों के साथ बात की। पांच जून को सभी बड़े पहलवानों ने अपनी सरकारी नौकरी जॉइन कर ली।