मध्य प्रदेश के दो चर्चित कथावाचकों ने दिल्ली के साक्षी हत्याकांड पर टिप्पणी की है। बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि यह देखकर जिसका खून न खौले, वह जीते-जी मर चुका है। वहीं, पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि माता-पिता को अपनी बेटियों को समझाना चाहिए।
सीहोर/छतरपुर – दिल्ली के साक्षी हत्याकांड को लेकर मध्य प्रदेश के चर्चित कथावाचक बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा ने टिप्पणियां की हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बोले कि अपनी बहनों का जब हम यह हाल देखते हैं तो शायद ही इस दुनिया में ऐसा कोई भाई होगा जिसका खून न खौले। इसे देखकर भी यदि किसी का खून न खौले तो वह जीते जी मर चुका है। वहीं, पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि बेटियों को खुद समझना होगा कि वह सनातन में जन्म लेने वाली बेटी हैं। उन्हें किसी के बहकावे में नहीं आना है। अपने विवेक से सनातन धर्म के पक्ष में निर्णय लेना है।
दरअसल, 28 मई को 16 साल की साक्षी की साहिल नाम के लड़के ने चाकू से गोदकर हत्या कर दी थी। इसका सीसीटीवी वीडियो सामने आया तो जिसने देखा, वह दहल उठा। साहिल ने उस पर कम से कम 30 बार वार किए थे। पुलिस ने साहिल को गिरफ्तार कर लिया है और जांच जारी है। इस बीच बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि ह्दय हमारा भी है। लोग हमसे कहते हैं कि आप कट्टर हो। आप विवाद की बात करते हो। आप दंगा कराने वाली बात करते हो। अपनी बहनों का जब हम यह हाल देखते हैं तो शायद ही इस दुनिया का कोई भाई होगा, जिसका खून न खौले। इसे देखकर यदि किसी का खून न खौले तो वह जीते जी मर चुका है। इस वजह से हम भरोसा सनातन पर करते हैं। हमारा सनातन मारना नहीं, बचाना है। हम बालाघाट में कथा कर रहे थे। बांग्लादेश से एक महिला आई थी। वह सनातन धर्म ग्रहण करना चाहती थी। मैंने कहा कि डियर माय सिस्टर, आपको धर्म नहीं बदलना है। आप सनातन का सम्मान करें। उसका पालन करें।
सीहोर में कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने भी इस हत्याकांड का कथा में जिक्र किया। उन्होंने देश की बेटियों सहित उनके माता-पिता के लिए भी बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि बेटियों को समझना चाहिए। साक्षी पर कई वार किए गए। अब उसके बारे में तरह-तरह की बातें की जा रही है। बेटियां माता-पिता, भाई के समझने से नहीं समझती हैं। उन्हें खुद समझना होगा कि वह सनातन धर्म में जन्म लेने वाली बेटी हैं। उन्हें किसी के बहकावे में नहीं आना है। अपने विवेक से सनातन धर्म के पक्ष में निर्णय करना है। au