नई दिल्ली
महाराष्ट्र के कई जिलों में कोरोना वायरस संक्रमण के दैनिक मामलों में बढ़ोतरी के बीच नासिक, पुणे में नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है,‘मास्क पहनें, लॉकडाउन को ना कहें’, महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच बोले सीएम उद्धव ठाकरे कोविड-19 के बिगड़ते हालात के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि अगले महीने राज्य में कोविड केस के एक साल हो जाएंगे फिलहाल मास्क ही हमारी मुख्य सुरक्षा है। इसलिए इसमें किसी तरह की कोताही न करें।
7 दिनों का लॉकडाउन, सुबह 9 से शाम 5 बजे तक खुलेंगी दुकानें
महाराष्ट्र में एक बार फिर कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ गया है, इसके बाद राज्य के पांच जिलों में एक बार फिर 7 दिनों का लॉकडाउन लगाया गया है. इस आदेश के बाद दुकानें अब केवल सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक ही खुलेंगी. अमरावती डिवीजनल कलेक्टर ने रविवार को अमरावती , बुलढाना, अकोला , वाशिम, यवतमाल में सात दिनों का लॉकडाउन लगाने का फैसला किया.
1 मार्च तक इन पांच जिलों में लॉकडाउन जारी रहेगा. इस दौरान शादियों में सिर्फ 25 लोगों ही शामिल हो सकेंगे. निजी दफ्तरों में भी सिर्फ 15 फीसदी कर्मचारियों को आने की अनुमति होगी. इन सात दिनों में स्कूल-कॉलेज पूरी तरह बंद रहेंगे. पुणे में इस दौरान रात 11 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक नाईट कर्फ्यू का ऐलान किया गया है.
कल से राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक बैठकों पर रोक, CM उद्धव बोले- लॉकडाउन पर 8 दिनों में होगा फैसला
सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि इसका उत्तर मुझे आपसे एक हफ्ते में चाहिए. जिन्हें लॉकडाउन नहीं चाहिए वो लोग मास्क पहनें और नियमों का पालन करें और जिन्हें लॉकडाउन चाहिए वो लोग मास्क न पहनें.
मुंबई महाराष्ट्र में फिर से बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों को देखते हुए सीएम उद्धव ठाकरे ने राज्य में सोमवार से तमाम तरह की राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक बैठकों पर रोक लगाने का एलान किया है. उन्होंने आज कहा कि अगर अगर नियमो का पालन नहीं किया गया तो फिर एक बार लॉकडाउन लगाना पड़ेगा. सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं मि जबाबदार (मैं जवाबदार) मुहिम शुरू कर रहा हूं, जिसमें मुझे आपसे उत्तर चाहिए कि आपको लॉकडाउन चाहिए या नहीं. उन्होंने कहा कि इसका उत्तर मुझे आपसे एक हफ्ते में चाहिए. जिन्हें लॉकडाउन नहीं चाहिए वो लोग मास्क पहनें और नियमों का पालन करें और जिन्हें लॉकडाउन चाहिए वो लोग मास्क न पहनें.
उद्धव ठाकरे ने कहा कि कंपनियों को अपने कर्मचारियों को आवश्यकता के अनुसार कुछ लोगों को वर्क फ्रॉम होम और कुछ लोगों को ऑफिस बुलाना चाहिए. ये रोटेशन करते रहना चाहिए, जिससे की ट्रेन और बसों में ज्यादा भीड़ न हो.